Details, Fiction and maha kali kavach

सहायता क्रमांक - टोल फ़्री (१०:०० - १८:००)

ॐ ह्रीं कालिकायै स्वाहा कर्णयुग्मकं सदाऽवतु ।

ह्रीं ह्रीं के स्वरूप में तथा ह्रीं ह्रीं हूं के स्वरुप में और ह्रीं ह्रीं क्षें क्षें केस्वरुप में वे देवी सदा ही शत्रुओं को विदीर्ण करती हैं। श्रीं ह्रीं ऐं रूपिणी देवी भवबन्धविमोचिनी।

नगर परिषद उपजिल्हाधिकारी क्षेत्राचे कार्यभार असलेले

वैरणि: प्रलयं यान्ति व्याधिता वा भवन्ति हि ।

महाकाली हमारे हिंदू धर्म में पूजे जाने वाली एक प्रमुख देवी है. माता भगवती जो कि एक अत्यंत सुंदर देवी है दुर्गा मां उन्हीं का एक अत्यंत उग्र और काला स्वरूप है जिन की उत्पत्ति सिर्फ और सिर्फ इस संसार से दुष्ट और पापी राक्षसों के नाश के लिए हुई है.

  श्रीं ह्रीं ऐं के रूप में देवी भव सागर के बंधन से मुक्त करती हैं। ह्रीं ह्रीं के रूप में देवी सदा शत्रुओं का हरण करें। यथा शुम्भो हतो दैत्यो निशुम्भश्च महासुरः।

श्मशानाङ्गारमादाय चूर्णोकृत्य प्रयत्नतः ।

The 10-armed method of Mahakali : In this article she's depicted as shining similar to a blue stone. She has 10 faces, ten feet and three eyes for every head. Each of her 10 arms is carrying several parts which fluctuate in numerous accounts, but Each and every of these symbolize the power of among the Devas or Hindu Gods and are often the pinpointing weapon or ritual merchandise of a given Deva.

तत् कार्याणि च सिद्धयन्ति यथा शंकरभाषितम् ।।

सर्वं देव स्तुता देवी शत्रुनाशं करोतु मे। १ ।

 निर्भया [जो निर्भय है], शरीर रक्त से तरबतर है जिनका, मुख उग्र है और रूप घोर [डरावना] है। सर्वदा (हमेशा) अट्टहास (ठहाका मारकर हँसना) आसन में बैठी देवी का, दिगम्बरी का-। शवासनस्थितां कालीं मुण्डमालाविभूषितां।

हे रावण! मैंने इस दिव्य कवच को तुम्हारे समक्ष कहा है। जो भी इस कवच का पाठ भक्ति पूर्वक नित्य करेगा, उसके शत्रुओं का नाश होगा। उसके शत्रु रोग से पीड़ित होंगे तथा धन पुत्रादि सुखों से वह हीन हो जायेंगे। इसको एक हजार बार पढ़ने से maha kali kavach सिद्धि हो जाती है। सिद्ध हो जाने पर मारणं प्रयोग में सफलता मिलती है।

श्री अर्थात लक्ष्मी, ह्रीं अर्थात शक्ति, ऐं अर्थात सरस्वती रूपिणी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *